पिछले एक दशक से खौफ और मौत का चेहरा बना स्वाइन फ्लू फिर लौट आया है। साल का पहला स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीज एमडीएम हॉस्पिटल में भर्ती है। अस्पताल प्रशासन ने उसे दूसरे सामान्य मरीजों के साथ ही भर्ती किया है। इससे दूसरे मरीजों में वायरस फैलने की संभावना है। मरीज खारिया किता, सेतारु रामसर बाड़मेर निवासी 57 वर्षीय महिला है। वह बाड़मेर सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती थी, उसे तबीयत ज्यादा खराब होने के चलते एमडीएम जोधपुर में रैफर किया गया।
महिला मरीज को 20 फरवरी को एमडीएम इमरजेंसी में भर्ती कर स्वाइन फ्लू की जांच की गई। शुक्रवार को रिपाेर्ट पॉजिटिव आई। मरीज को कार्डियोलॉजी के पास बने मेडिसिन विभाग की ए यूनिट में स्वाइन फ्लू वार्ड में भर्ती किया है। जबकि भर्ती टिकट में विभाग मनोरोग लिखा है। मरीज को आइसोलेशन में रखने की बजाय वार्ड में भर्ती दूसरे मरीज के साथ भर्ती किया है। ऐसे में दूसरे मरीजों को संक्रमण होने की संभावना बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन की ये लापरवाही कहीं दूसरे मरीजों के लिए घातक ना बन जाए।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू और नियमित फ्लू ज्यादातर लोगों के लिए समान दिखते हैं। बुखार, सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द हो तो समय पर नजदीकी डॉक्टर को दिखाएं।
इनको संक्रमण का खतरा ज्यादा
5 वर्ष से कम के बच्चे, गर्भवती महिला, 65 वर्ष या अधिक आयु के व्यक्ति जिन्हें फेफड़े के रोग, हृदयरोग, लिवर रोग, किडनी की बीमारी के रोगी, रक्तविकार, मधुमेह, न्यूरोलॉजिकल बीमारी, कैंसर और एचआईवी और जो लंबे समय से थैरेपी करवा रहे व्यक्तियों को।
ऐसे बचें स्वाइन फ्लू वायरस से
किसी भी सर्दी-खांसी-जुकाम ग्रसित व्यक्ति से हाथ ना मिलाएं, उनसे दूर रहें।
घर से बाहर जाने और वापस आने के बाद साबुन से अपने हाथ अच्छे से धाेएं।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ना जाएं।
सर्दी-जुकाम होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह से ही दवाएं लें।